Friends, as we all know that despite the great strides made by the international women’s rights movement over the years, women and girls around the world are still child married or trafficked into forced labor and sex slavery. They are denied education and political participation, and some become embroiled in conflicts where rape is used as a weapon of war. Across the world, deaths related to pregnancy and childbirth are unnecessarily high, and women are prevented from making deeply personal choices in their personal lives. They are subjected to domestic violence. tortured for dowry, Murder is done for dowry.. The InterGlobe Human Rights Forum is working towards empowering women and protecting gender equality-rights and improving the lives of women and girls on the ground. So that women can also play their part in social, political and economic field.
सुरक्षित गर्भपात के लिये नए दिशानिर्देश, महिलाओं व लड़कियों के स्वास्थ्य के लिये अहम
9 मार्च 2022
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने महिलाओं व लड़कियों के स्वास्थ्य की रक्षा सुनिश्चित किये जाने के इरादे से गर्भपात देखभाल के लिये नए दिशानिर्देश जारी किये हैं. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने बुधवार को कहा है कि इन दिशानिर्देशों की मदद से विश्व भर में हर वर्ष असुरक्षित गर्भपात के ढाई करोड़ मामलों की रोकथाम की जा सकेगी.
स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार
महिला अधिकारों पर घड़ी को आगे बढ़ाने की ज़रूरत, यूएन प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने 8 मार्च को मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ज़ोर देकर कहा है कि दुनिया “लैंगिक समानता के मामले में पीछे की ओर घूमती हुई घड़ी के साथ, महामारी से नहीं उबर सकती”.
स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार
भारतीय महिला पत्रकार राना अय्यूब के ख़िलाफ़ तमाम हमले बन्द हों, यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञ.
21 फ़रवरी 2022
संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी करके, भारत सरकार से, एक महिला खोजी पत्रकार राना अय्यूब के ख़िलाफ़ स्त्रीद्वेष और साम्प्रदायिकता से भरे ऑनलाइन हमले तुरन्त बन्द कराने के लिये उपाय करने का आहवान किया है.
स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार
भारत: खेत से बाज़ार तक, महिला किसानों का नेतृत्व
9 फ़रवरी 2022
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने वर्ष 2020 में, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के साथ साझेदारी में, कृषक परिवारों की महिलाओं को अपनी फ़सलें, खेत से बाज़ार तक पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिये, एक परियोजना शुरू की थी. परिणामस्वरूप, ये ग्रामीण महिलाएँ, आज न केवल रूढ़ियाँ तोड़कर कृषि आपूर्ति श्रृँखला में बढ़-चढ़कर आगे आई हैं, बल्कि इससे उनकी आमदनी भी बढ़ी है.
स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार
महिला नेतृत्व की ज़रूरत.
15 मार्च 2021
अन्तर-संसदीय संघ यानि आईपीयू की ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया था कि दुनिया भर की संसदों में, महिला सांसदों की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है. यह आँकड़ा ऐतिहासिक है, लेकिन संसदों में लैंगिक समानता हासिल करने का लक्ष्य अब भी दूर है. एशिया में, और ख़ासतौर पर भारत में भी, नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है, लेकिन अभी और अधिक साहसिक क़दम उठाए जाने की ज़रूरत है. संसद में, व नेतृत्व पदों पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बारे में, भारत में नेतृत्व के तीन स्तरों पर आसीन महिलाओं के विचार प्रस्तुत करता एक वीडियो फ़ीचर…
स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार
भारत: ‘विषाक्त मर्दानगी मानसिकता को ख़त्म करना ज़रूरी’.
भारत में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) के प्रतिनिधि और भूटान के लिये डायरेक्टर, श्रीराम हरिदास का मानना है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा को समाप्त करने के कार्यक्रमों में, पुरुषों और लड़कों को शामिल करना बेहद महत्वपूर्ण है.
स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार